वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया का चयन 19 जुलाई को होना था, लेकिन अब ये 21 जुलाई को होगा। देखना होगा कि क्या कप्तान विराट कोहली टी20 और वनडे टीम का हिस्सा होंगे या फिर सीधा टेस्ट सीरीज के लिए वेस्टइंडीज पहुंचेंगे।
टीम इंडिया के चयन का इंतजार बढ़ा, 21 जुलाई को चुनी जाएगी टीम (आजतक)
वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया के चयन को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बड़ी बात कही है। बोर्ड ने कहा कि इस दौरे पर जाने वाली टीम इंडिया के सदस्यों के चयन को लेकर मुंबई में शुक्रवार को कोई बैठक नहीं होगी। टीम के चयन को लेकर होने वाली बैठक की विस्तृत जानकारी इसे अंतिम रूप दिए जाने के बाद दी जाएगी। वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक टीम इंडिया का चयन रविवार को सुबह 11.30 बजे होगा। बता दें कि 3 अगस्त से शुरू हो रहे वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम का चयन शुक्रवार को होना था, लेकिन इसे टाल दिया गया था। बताया जा रहा है कि भारतीय चयनकर्ता महेंद्र सिंह धोनी को लेकर असमंजस में हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि धोनी के भविष्य पर चर्चा करने के बाद टीम इंडिया का ऐलान किया जाएगा। भारत को वेस्टइंडीज दौरे पर तीन टी-20 इंटरनेशनल, तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेलने हैं।
धोनी की अभी संन्यास लेने की कोई योजना नहीं: अरुण पांडे (लाइव हिन्दुस्तान)
महेंद्र सिंह धोनी के दोस्त और व्यवसायी साझीदार अरुण पांडे ने शुक्रवार को कहा कि इस भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज की अभी संन्यास लेने की कोई योजना नहीं है, भले ही उनके भविष्य को लेकर अटकलबाजियां चल रही हों। भारत के विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हारने के बाद धोनी के भविष्य को लेकर अटकलें बढ़ गयी हैं। पांडे ने कहा, ‘उसकी अभी तुरंत संन्यास लेने की कोई योजना नहीं है। उस जैसे महान खिलाड़ी के भविष्य को लेकर चल रही लगातार अटकलें काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं।’ पांडे की यह प्रतिक्रिया रविवार को वेस्टइंडीज दौरे के लिये टीम चयन से पहले आयी है। धोनी की योजना को लेकर स्थिति तभी स्पष्ट हो पायेगी जब 3 अगस्त से शुरू होने वाले दौरे के लिये टीम चुन ली जायेगी। बीसीसीआई अधिकारियों के दो बार के विश्व कप विजेता कप्तान से बात करने की उम्मीद है। पांडे लंबे समय से धोनी से जुड़े हुए हैं और खेल प्रबंधन कंपनी रिति स्पोर्ट्स के संचालन के अलावा उनके व्यावसायिक मामलों को भी देखते हैं।
श्रीलंका ने बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के लिए 22 सदस्यीय टीम घोषित की (टाइम्स नाउ)
बांग्लादेश के खिलाफ जल्द शुरू होने वाली घरेलू वनडे सीरीज के लिए श्रीलंका ने अपनी 22 सदस्यीय वनडे टीम का ऐलान कर दिया है। श्रीलंकाई टीम के लिए विश्व कप का सफर खराब रहा था जबकि बांग्लादेश ने कुछ मौकों पर फैंस का दिल जीता था, खासतौर पर उनके स्टार खिलाड़ी शाकिब अल हसन ने जिन्होंने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर ना सिर्फ कुछ मैच जिताए बल्कि रिकॉर्ड भी बनाए। बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज के लिए श्रीलंकाई टीम में कुछ ऐसे चेहरों को मौका भी मिला है जिन्हें विश्व कप में मौका नहीं मिला था। इस वनडे सीरीज में तीन मुकाबले होंगे जिसका आगाज 26 जुलाई को होगा। सीरीज का दूसरा वनडे 28 जुलाई को खेला जाएगा जबकि सीरीज का तीसरा व अंतिम मैच 31 जुलाई को खेला जाएगा। टीमः दिमुथ करुणारत्ने (कप्तान), कुसल परेरा, अविष्का फर्नान्डो, कुसल मेंडिस, एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरु थिरिमने, शेहान जयसूर्या, धनंजय डी सिल्वा, निरोशन डिकवेला, दनुष्का गुणातिलाका, दसुन शनाका, वनिंदु हसारंगा, अकिला धनंजय, अमिला अपोंसो, लक्षण संदाकन, लसिथ मलिंगा, नुवान प्रदीप, कसुन रंजीथा, लाहिरू कुमारा, तिसारा परेरा, इसुरु उडाना और लाहिरू मदुसंका।
ओवरथ्रो नियम को लेकर MCC कर सकता है अहम बदलाव (अमर उजाला)
12वें वर्ल्ड कप की समाप्ति के बाद विश्व क्रिकेट को इंग्लैंड के रूप में नया विजेता मिला। वहीं लॉर्ड्स के मैदान में खेले गए फाइनल के बाद क्रिकेट जगत में ICC के नियमों को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए फाइनल में मैच टाई रहा, जिसके बाद दोनों टीमों के बीच सुपर ओवर करवाया गया। लेकिन सुपर ओवर के भी टाई रहने की वजह से कोई परिणाम नहीं निकल पाया। इसके बाद क्रिकेट के नियम के तहत मैच और सुपर ओवर में अधिक बाउंड्री लगाने वाले इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया। उससे पहले मैच में एक नियम पर सबसे अधिक विवाद हुआ जिसकी वजह से ही न्यूजीलैंड जीता हुआ मैच हार गई थी। अब रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) अपने अगले मीटिंग में उस नियम पर चर्चा करते हुए कोई बड़ा फैसला कर सकती है।
कप्तान व कोच को मिला पत्नियों पर फैसला का हक तो तमतमाया BCCI (दैनिक जागरण)
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति ने कुछ नियमों में बदलाव किए जिसके तहत ये कहा गया कि अब विदेशी दौरे पर पत्नियों को ले जाने संबंधी बातों पर फैसला लेने का हक टीम के कप्तान व कोच का होगा। सीओए के इस फैसले के बाद बीसीसीआई में खासी नाराजगी दिख रही है। बोर्ड ने सीओए के इस फैसले पर अपनी आपत्ति जाहिर की और काफी कुछ कहा। सीओए के इस फैसले से बीसीसीआई का नया संविधान बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व जस्टिस आर एम लोढ़ा भी हैरान हैं। बीसीसीआई का कहना है कि सीओए का ये फैसला काफी हैरानी भरा है और ये एक तरह से हितों के टकराव का भी मामला है। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कप्तान और कोच को पत्नियों को विदेशी दौरों पर ले जाने संबंधी फैसला करने का हक देना एक तरह से हितों का टकराव का मामला है। अधिकारी के मुताबिक हितों के टकराव के मूल भाव के मुताबिक जब आप कोई ऐसा फैसला लेने की स्थिति में होते हैं जिससे आपको खुद लाभ मिले तो ये हितों का टकराव का ही मामला है।